टेटनस
पशुओं और मनुष्यों के मल में या मिटटी में पलने वाला एक जीवाणु
यह जीवाणु जब घाव के रास्ते शारीर में पहुँच जाता है तो टेटनस हो जाता है|
टेटनस होता कैसे है ?
-पशुओं के काटने से
- चाकू के घाव से
- बन्दूक कि गोली लगने से
- गन्दे सुई से कान खोदने या इन्जेक्सन लेने से
- कंटीली लोहे कि तार से खुरचने पर
- घाव पर गोबर लगाने से
- काँटी या कांच से बने घाव से भी हो सकता है |
जिन व्यक्तियों में टेटनस न होने देने वाले टीके नहीं लगवाएं हैं और समय – समय पर बूस्टर डोज नहीं लिया है उन्हें भी टेटनस हो सकता है|
छोटे बच्चों को होने वाले टेटनस के कारण
-ऐसी किसी धारदार चीज से नाल-नाभी काटने पर जिसे स्प्रिट से नहीं धोया गया या उबले पानी में नहीं धोया गया है|
- जब नाभी काटने के बाद उसपर गोबर रख दिया जाता है|
लक्षण
- एक तरह क छुतहा घाव जो दिखता नहीं है
- निगलने में कठिनाई
- जबड़ा कड़ा हो जाता है
- गर्दन और बदन के दूसरे अंग अकड़ जाते हैं
- बच्चे लगातार रोते हैं, वे दूध भी निगल नहीं पाते|
उपचार
टेटनस एक खतरनाक बीमारी है, लक्षण देखते ही डाक्टर को दिखाएँ
- व्यक्ति को अन्धेरे शांत जगह में लिटा दें|
- घाव कि जगह को साबुन से धोएँ
- घाव में अगर कुछ फंसा हो तो उसे साफ चीज से बाहर निकाल दें
बचाव
- समय-समय पर टीका लगवाएं
- कटने पर तुरत टेटनस का इंजेक्सन लें
- बच्चे के नाभी कटने के लिए उबाले गए ब्लेड का ही इस्तेमाल करें|
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