Friday, October 4, 2019

Tetanus

टेटनस

पशुओं और मनुष्यों के मल में या मिटटी में पलने वाला एक जीवाणु
यह जीवाणु जब घाव के रास्ते शारीर में पहुँच जाता है तो टेटनस हो जाता है|
टेटनस होता कैसे है ?
-पशुओं के काटने से
- चाकू के घाव से
- बन्दूक कि गोली लगने से
- गन्दे सुई से कान खोदने या इन्जेक्सन लेने से
- कंटीली लोहे कि तार से खुरचने पर
- घाव पर गोबर लगाने से
- काँटी या कांच से बने घाव से भी हो सकता है |
जिन व्यक्तियों में टेटनस न होने देने वाले टीके नहीं लगवाएं हैं और समय – समय पर बूस्टर डोज नहीं लिया है उन्हें भी टेटनस हो सकता है|
छोटे बच्चों को होने वाले टेटनस के कारण
-ऐसी किसी धारदार चीज से नाल-नाभी काटने पर जिसे स्प्रिट से नहीं धोया गया या उबले पानी में नहीं धोया गया है|
- जब नाभी काटने के बाद उसपर गोबर रख दिया जाता है|
लक्षण
  • एक तरह क छुतहा घाव जो दिखता नहीं है
  • निगलने में कठिनाई
  • जबड़ा कड़ा हो जाता है
  • गर्दन और बदन के दूसरे अंग अकड़ जाते हैं
  • बच्चे लगातार रोते हैं, वे दूध भी निगल नहीं पाते|
उपचार
टेटनस एक खतरनाक बीमारी है, लक्षण देखते ही डाक्टर को दिखाएँ
  • व्यक्ति को अन्धेरे शांत जगह में लिटा दें|
  • घाव कि जगह को साबुन से धोएँ
  • घाव में अगर कुछ फंसा हो तो उसे साफ चीज से बाहर निकाल दें
बचाव
  • समय-समय पर टीका लगवाएं
  • कटने पर तुरत टेटनस का इंजेक्सन लें
  • बच्चे के नाभी कटने के लिए उबाले गए ब्लेड का ही इस्तेमाल करें|

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